Not known Details About hanuman chalisa
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निजात्मबुद्धिदायकं भजेऽहमञ्जनीसुतम्॥
तेज प्रताप महा जग बन्दन ॥६॥ बिद्यावान गुनी अति चातुर ।
क्या चलते-फिरते हनुमान चालीसा पढ़ सकते हैं?
त्वमस्मिन् कार्यनिर्योगे प्रमाणं हरिसत्तम।
होनी-अनहोनी से बचें, हनुमान चालीसा रोज पढ़ें
जनम जनम के दुख बिसरावै ॥३३॥ अन्त काल रघुबर पुर जाई ।
हनुमान् यत्नमास्थय दुःख क्षयकारो भव॥
The mantra can be recognized to help the indigenous think maturely instead of be self-centred or selfish about others.
ॐ आञ्जनेयाय विद्महे वायुपुत्राय धीमहि।
अस बर दीन जानकी माता ॥३१॥ राम रसायन तुह्मरे पासा ।
चारों जुग परताप तुम्हारा। है परसिद्ध जगत उजियारा॥
रामप्रिय नमस्तुभ्यं here हनुमन् रक्ष सर्वदा ॥
By your grace, just one will go to the immortal abode of Lord Rama immediately after death and continue being devoted to Him.
.. और यही कारण है निराला जी तुलसीदास को कालिदास, व्यास, वाल्मीकि, होमर, गेटे और शेक्सपियर के समकक्ष रखकर उनके महत्त्व का आकलन करते हैं।